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Friday, November 20, 2020

ए छठी मइया

 

बरिसे बरिस पूजिला पाँव, ए छठी मइया

छूटित बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥

 

रूनुकी झुनुकी एगो देतु बिटियवा

आइत दमाद मोरे ठाँव, ए छठी मइया।

छूटित बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥

 

ठुमुकी ठुमुकी चली बिटिया अँगनवा

बनी दुनो कुलवा के छाँव, ए छठी मइया।

छूटित बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥

 

बिटिया के गइले उदासी भवनवाँ

बिहँसी ससुरवा के गाँव, ए छठी मइया।

छूटित बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥

 

 

·       जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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