बरिसे
बरिस पूजिला पाँव, ए छठी मइया
छूटित
बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥
रूनुकी
झुनुकी एगो देतु बिटियवा
आइत
दमाद मोरे ठाँव, ए छठी मइया।
छूटित
बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥
ठुमुकी
ठुमुकी चली बिटिया अँगनवा
बनी
दुनो कुलवा के छाँव, ए छठी मइया।
छूटित
बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥
बिटिया
के गइले उदासी भवनवाँ
बिहँसी
ससुरवा के गाँव, ए छठी मइया।
छूटित
बझिनिया के नाँव, ए छठी मइया॥
· जयशंकर
प्रसाद द्विवेदी
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